प्रधानमंत्री जन धन योजना का महिलाओं ने फायदा उठाया; 3 साल में 27% बढ़ गई महिला खाताधारकों की संख्या

मोदी सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) ने महिलाओं को बैंक से जोड़ने में मदद की है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2014 में 43 प्रतिशत महिलाओं के बैंक अकाउंट थे जो 2017 में बढ़कर 77 प्रतिशत हो गए। कंसल्टिंग फर्म माइक्रोसेव कंसल्टिंग (MSC) ने अपनी रिपोर्ट 'द रियल स्टोरी ऑफ वूमन्स' में कहा है कि देश ने बीते 3 सालों (2014-17) में महिलाओं ने भी वित्तीय मामलों में सहभागिता (वित्तीय समावेशन) बढ़ाई है। जिससे वित्तीय समावेशन में जेंडर गेप 14 प्रतिशत तक कम हुआ है। पड़ोसी देश जैसे कि बांग्लादेश और पाकिस्तान, महिलाओं के स्वामित्व में क्रमशः 36 प्रतिशत और 7 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बहुत पीछे हैं।


2014 में शुरू हुई थी योजना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 अगस्त 2014 को शुरू की गई पीएमजेडीवाई का उद्देश्य गरीबों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करना था। इनमें गरीबों के लिए बैंक खाते खोलना, उन्हें भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक साधन (RuPay कार्ड के माध्यम से) देना और उन्हें क्रेडिट और बीमा का लाभ उठाने की स्थिति में रखना शामिल था।



मार्च 2019 में जीरो बैलेंस खातों की संख्या कम हुई
वित्त मंत्रालय के मुताबिक मार्च 2018 में जन धन योजना के अंतर्गत जीरो बैलेंस खातों की संख्या 5.10 करोड़ थी, जो मार्च 2019 में 5.07 करोड़ थी। 28.44 करोड़ खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड्स जारी किए गए। 



मिलता है 2 लाख का दुर्घटना बीमा



  • इस योजना के तहत खोले गए खातों में न्यूनतम बैलेंस की जरूरत नहीं होती। 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए जन धन खातों में दुर्घटना बीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए किया गया। दरअसल, सरकार ने अब अपना फोकस हर किसी के लिए बैंक खाते से हटाकर हर उस युवा पर केंद्रित किया, जिसके पास बैंक खाता नहीं है।

  • पीएमजेडीवाई की खास बातें और फायदे

  • जीरो बैलेंस पर खाता खोला जा सकता है। परिवार के दो सदस्य संयुक्त खाता खोल सकते हैं। 

  • बच्चे के नाम खाता खुलवाया है तो उसके बालिग होने तक माता-पिता संरक्षक रहेंगे। 

  • खाता खुलने के 6 महीने बाद 10,000 तक की राशि लोन के तौर पर ले सकते हैं। चाहे आपके खाते में रुपए न हों। 

  • ऐसे खातों में एक साल के दौरान कुल जमा 1 लाख रुपए से अधिक नहीं रख सकते। एक महीने में 10 हजार रुपए से अधिक का लेनदेन नहीं कर सकते। 

  • खाता खोलने वाले को 'रुपे डेबिट कार्ड' दिया जाता है, जिसे एटीएम और आॅनलाइन भुगतान में इस्तेमाल कर सकते हैं। 

  • आपने इस खाते के लिए निर्धारित बैलेंस और लेन-देन की सीमा को पार किया तो बैंक अपने आप इसे सामान्य बचत खाते में तब्दील कर देगा। उसके बाद आप इस खाते की सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे। 

  • पैसे निकालने, जमा करने, फंड ट्रांसफर, मोबाइल बैंकिंग की सुविधा सब फ्री है।